Lyrics
Listen to this beautiful original by Rahgir.
Lyrics :-
कोई अपने महँगे कमरे में
किसी बीस तीसवें माले पर
कोई बिछा कर लेटा है बोरी
शहर बीचले नाले पर
रात के तीन बजे बेनींद
घुटने सीने से चिपकाये
ढंग से देखो तो हैं एक से
ये दुनिया से उकताए
कोई पकड़ के फ़ोन को सोचे
कोई है क्या जिस से मिल लूँ मैं
कोई फँसा है भीड़ में सोचे
कैसे ज़रा सा हिल लूँ मैं
इतना दफ़्न है हर सीने में
कोई देखे तो डर जाये
ढंग से देखो तो हैं एक से
ये दुनिया से उकताए
उम्मीदों के जवाँ झाड़ पर
झुर्रियों के बेर लगे हैं
बंदों के बीच यहाँ
दूरियों के ढेर लगे हैं
चेहरे पर मुस्कानें हैं
पर मन हैं मुरझाए
ढंग से देखो तो हैं एक से
ये दुनिया से उकताए
Original Song Credit
Song : Duniya se Uktaaye
Lyrics, Singer : Rahgir
Cover Song Credit
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