Tan Kha Gayi Ye Tankha | Original Song | Rahgir

Tan Kha Gayi Ye Tankha | Original Song | Rahgir

Rahgir | 391 Listens

play_arrow Play
file_download
playlist_add Add To
favorite_border

Lyrics

Listen to this beautiful song Tan Kha Gayi Ye Tankha by Rahgir.

Lyrics :-
तन खा गई ये तनखा
ना छोड़ा मालिक मन का
आँखों के आगे धुँधलका
माया का
सुबहा से किरणें ग़ायब
उठ उठ के गिरणे ग़ायब
ख़ुद के थे निर्णय ग़ायब
पाया क्या?
कुछ भी ना
वे पंछिया तेरे पर तो बड़े हो गये
पर तुझे उड़ना आया क्या?
आया क्या
तन खा गई ये तनखा
ना छोड़ा मालिक मन का

सूरज को डूबते
पंछियों को घूमते
देखे ज़माने हो गये
हवाओं को चूम के
डालियों को झूमते
देखे ज़माने हो गये
छोड़ते रात को दफ़्तर
हार गये अपने लश्कर
इन झमेलों में फँसकर
छुड़ाया क्या?
कोई भी ना

वे बंदेया तूने पैसे तो कमा लिए
पर भरपेट खाना खाया क्या?
खाया क्या।।
तन खा गई ये तनखा
ना छोड़ा मालिक मन का

जकड़े हैं पैर ये
किश्तों के फेर ये
इनसे छुड़ाया जाए ना
इनसे छुड़ाया जाए ना
चिंता के शेर ये
नोंचे दिन दोपहर ये
इनसे छुड़ाया जाए ना
इनसे छुड़ाया जाए ना

रात को छत पर चढ़कर
एक आधा जाम पकड़ कर
थोड़ा राहगीर को पढ़कर
बचाया क्या? बतायें क्या।

वे बंदेया तुने कल को तो सजा लिया
पर तेरा आज तू, जी
पाया क्या?
जी पाया क्या?
तन खा गई ये तनखा

Original Song Credit

Lyrics, Singer : Rahgir
Music : Shakti Vishvakarma
Guitars - Arohi Mishra
Additional Guitar - Divyansh Sagar
Video : Mauryan

Cover Song Credit